Detailed Notes on भाग्य Vs कर्म

कई बार पॉजिटिव थिंकिंग के पॉजिटिव रिजल्ट देखने के बाद भी हम अपनी निगेटिव थिंकिंग को दोष न देकर कहते हैं ….

ज्योतिष कर्मशास्त्र का ही एक हिस्सा है भाग्य को कोई काट नहीं सकता, भाग्य ने जो लिख दिया समझो लिख दिया। इस बात से डरने की कोई वजह नहीं, क्योंकि भाग्य भी हम ही बनाते हैं।

और अगर आप पूर्व जन्म की बात करें तो फिर उस लॉजिक से कुछ भी समझाया जा सकता है!

खासतौर से अभय दीक्षित जी ने और अटूट बन्धन ब्लॉग से वंदना बाजपेयी जी ने तो इस वाद-विवाद प्रतियोगिता का स्तर काफी ऊँचा कर दिया.

कर्म अलौकिक प्रतीत हो सकता है, लेकिन यह एक सरल नियम का काम है। हम जो भी देते हैं, वही हमें प्राप्त होता है।

तो चलिए अपनी डिबेटिंग स्किल्स दिखाइए और अपने तर्कों से आपे उलट विचार रखने वालों को भी अपनी बात मानने पर मजबूर कर दीजिये! ????

भाग्य जड़ है और कर्म चेतन

बच्चों को पता नहीं था कि उधर से कोई गुजर रहा है और न ही राहगीर को पता था कि बच्चे आम तोडनÞे के लिए पत्थर फेंक रहे हैं। ऐसे में एक पत्थर आकर उसके सिर में लगा। अब जिस बच्चे के पत्थर से राहगीर घायल हुआ, उसने पत्थर आम तोडनÞे के लिए फेंका (कर्म) था न कि चोट पहुंचाने के लिए। अर्थात जिस उद्देश्य के लिए कर्म किया गया वह तो पूरा हुआ नहीं उल्टे एक व्यक्ति घायल हो गया। यहां कर्म और भाग्य दोनों को देखा जा सकता है। बच्चे का कर्म राहगीर का दुर्भाग्य बन गया।

और खुशहाल जिन्दगी जी

अक्सर आपको ज्ञानी लोगों द्वारा ये सलाह दी जाती है कि आपको अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए। कर्म के सिद्धांत के अनुसार आपके कर्म ही आपके भाग्य का निर्माण करते हैं, आपके सुख-दुःख का कारण होते हैं। लेकिन ये सवाल कई लोगों के मन में होता है कि क्या कर्म के द्वारा भाग्य को बदला जा सकता है। तो, चलिए जानते हैं कि इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज क्या कहते हैं....

कर्म को समझने का सबसे सरल तरीका यह है कि हम ब्रह्मांड को एक विशाल दर्पण के रूप में देखें और महसूस करें कि हम उसके सामने खड़े हैं। यह हमें जो कुछ भी करते हैं, उसका प्रतिबिंब दिखाता है। इसलिए हमारे विचार, बोले गए शब्द और किए गए कार्य सब हम पर उसी प्रकार से वापस आते हैं। लेकिन ये परिणाम सीधे या check here अप्रत्यक्ष हो सकते हैं।

 पर ऐसा कहने वालों की भी कमी नहीं होती कि सफलता या असफलता इंसान के कर्म से निर्धारित होती है, यानी कर्म हमेशा भाग्य से बड़ा होता है.

जब समय ख़राब हो तो ऊंट पर बैठे इंसान को भी कुत्ता काट लेता है…

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